जोर जोर से चिल्लाकर के, हौले हौले पतंग उड़ाई।। जोर जोर से चिल्लाकर के, हौले हौले पतंग उड़ाई।।
बसंत आया मन भाई पतंग सतरंगी होती हैं पतंग बसंत आया मन भाई पतंग सतरंगी होती हैं पतंग
पतंग पतंग
सोच सकारात्मक रख मंजिल छूती, ऊँचे भाव उपजवा, जज़्बा ऊँचा रखती। सोच सकारात्मक रख मंजिल छूती, ऊँचे भाव उपजवा, जज़्बा ऊँचा रखती।
कटी पतंग कटी पतंग
नये पत्तों का बहार भी था नये पत्तों का बहार भी था